अभिनव न्यूज।
महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण मामले में बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों ने जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद अपनी लड़ाई और तेज कर दी है।
धरना प्रदर्शन कर रहे सभी पहलवानों ने गुस्से का इजहार करते हुए अपने मेडल को गंगा में बहाने का ऐलान किया है। पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि वह मेडलों को गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि जितना पवित्र गंगा को माना जाता है, उतनी ही पवित्रता से मेहनत कर उन्होंने मेडल हासिल किए थे। गंगा में मेडल बहाने के बाद रेसलर्स दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर आमरण अनशन भी करेंगे।
“इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं”
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहलवानों को राष्ट्रीय स्मारक इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, मेडल को गंगा में प्रवाहित करने को लेकर हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने कहा कि वे हरिद्वार आ रहे पहलवानों को नहीं रोकेगा और ना ही उन्हें मेडल नदी में बहाने से रोकेगा। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे अपने मेडल पवित्र गंगा में बहाने आ रहे हैं, तो हम उन्हें रोकेंग नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहलवानों को रोकने का कोई भी निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से नहीं मिला है।
“पहलवानों का भी हरिद्वार में स्वागत है”
उन्होंने कहा कि कि गंगा नदी में लोग सोना, चांदी और अस्थियां विसर्जित करते रहते हैं और अगर पहलवान भी अपने मेडल विसर्जित करना चाहते हैं, तो वो कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा दशहरा के मौके पर करीब 15 लाख श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं और इस पावन अवसर पर पहलवानों का भी हरिद्वार में स्वागत है।
23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे
गौरतबल है कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार को पहलवानों ने फैसला किया कि वो 28 मई को नई संसद के उद्घाटन के मौके पर उसके सामने जा कर शांतिपूर्ण धरना देंगे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें जंतर-मंतर पर ही रोक लिया।
हिरासत में लिए जाने के बाद गुस्से में पहलवान
इस दौरान पहलवानों को बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया। बल पूर्वक हिरासत में लेने की कई तस्वीरें भी सामने आईं। पहलवानों के खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाई गईं। पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने उनके टेंट भी हटा दिए, जिसमें वो महीने भर से रुके हुए थे। इससे आहत पहलवानों ने मंगलवार को शाम 6 बजे हरिद्वार में मेडल्स गंगा नदी में बहाने का फैसला किया है।