अभिनव न्यूज
सीकर। 15 साल की नाबालिग से रेप के मामले में गुरुवार को आरोपी को सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले की जांच करने वाले 2 RPS के खिलाफ कार्रवाई के लिए DGP को लेटर भी लिखा है। फैसला सीकर की पोक्सो कोर्ट संख्या-2 ने सुनाया है।
लोक अभियोजक कैलाशदान कविया ने बताया कि 27 अक्टूबर 2017 को 15 साल की नाबालिग लड़की के पिता ने श्रीमाधोपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया था कि सुबह 7:30 बजे उसकी लड़की स्कूल गई थी। जिसे ओमप्रकाश यादव और उसका साथी रोहिताश बहला-फुसलाकर और डराकर एक होटल में ले गए।
होटल में ओमप्रकाश ने नाबालिग के साथ रेप किया। नाबालिग ने घर पर लौटकर अपने घरवालों को पूरी बात बताई। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपी ओमप्रकाश यादव और रोहिताश को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया।
पुलिस पर कार्रवाई के निर्देश
मामले में कुल 15 गवाह और 23 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। जिसके बाद आरोपी ओमप्रकाश यादव पर पोक्सो एक्ट के तहत 7 साल के कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि पुलिस अधीक्षकों को तकनीकी अनुसंधान के संदर्भ में ट्रेनिंग देने और मामले के जांच के दौरान पुलिस अधीक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए हैं । उन्होंने मामले से जुड़े पूरे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज कोर्ट में पेश नहीं किए। इसके अलावा मालखाना इंचार्ज को मामले में गवाह नहीं बनाया।
कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की है कि इस तरह का अनुसंधान इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की लापरवाही को दर्शाता है। संबंधित आरपीएस अधिकारियों को तकनीकी ज्ञान के लिए दक्ष और निपुण बनाया जाना आवश्यक है। जिससे उनकी कार्य कुशलता और भी ज्यादा होगी।
इसके अलावा आरपीएस के संबंधित राजपत्रित अधिकारियों के अनुसंधान के क्रम में जुड़ने के बाद भी उनकी बौद्धिक क्षमता उन्नत न हो सकेगी। इससे न पीड़ित को हानि होगी बल्कि आरोपी के खिलाफ भी बेवजह दूषित जांच होने की संभावना रहेगी। अन्यथा कोर्ट का समय भी बर्बाद होगा। फैसला विशिष्ट जज अशोक चौधरी ने सुनाया।