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बीकानेर। पुष्करणा ब्राह्मणों के ओलंपिक सावे में दांपत्य सूत्र में बंधने वाले जोड़ों की अनुदान राशि में इजाफा किया गया है। अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना के तहत जोड़े के लिए कुल 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। इनमें से 21 हजार रुपए नववधू तथा 4 हजार रुपए आयोजक संस्था को दिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला इस राशि को बढ़वाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस योजना के तहत नववधू को पंद्रह तथा आयोजक संस्था को तीन हजार सहित कुल 18 हजार रुपए दिए जाते थे। अब इसमें 7 हजार रुपए का इजाफा किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा पूरे शहरी परकोटे को अस्थाई रूप से एक छत माना गया। इस कारण हर सावे के दौरान अनुदान के लिए आवेदन की प्रक्रिया अपनानी पड़ती थी। बाद में परकोटे को स्थाई रूप से एक छत मान लिया गया। इससे अनुदान के लिए बार-बार आवेदन करने की जरूरत ख़त्म हो गई। उन्होंने बताया कि ओलंपिक सावे के दिन पुष्करणा ब्राह्मणों के अलावा भी दांपत्य सूत्र में बंधने वाले सभी जोड़े इसके पात्र होंगे।
उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया और कहा कि इससे सामूहिक विवाह के प्रति और अधिक जागरूकता आएगी। उन्होंने बताया कि बीकानेर में प्रत्येक दो वर्ष से पुष्करणा ब्राह्मणों का ओलंपिक सावा होता है। इस दौरान शहरी परकोटे के सैकड़ों जोड़े दांपत्य सूत्र में बनते हैं। पिछले लगभग डेढ़ दशक से परशुराम सेवा समिति द्वारा इन जोड़ों को अनुदान राशि के लिए आवेदन करवाया जाता है। समिति के नवरतन व्यास ने बताया कि राज्य सरकार के इस निर्णय से समाज में ओलंपिक सावे के प्रति और अधिक जागृति आएगी।