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सूरत। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में सूरत सेशंक कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी खारिज कर दी है। 2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर अपने भाषण में टिप्पणी की थी जिसे लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। इसी केस में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल गांधी ने इसी फैसले पर रोक लगाने के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
बीजेपी विधायक ने आपराधिक मानहानि का किया था केस
दरअसल, पिछले 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने बीजेपीक विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया। उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था।
हर विकल्प का इस्तेमाल करेंगे-रमेश
अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये थे। उसने पिछले बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को सुना और फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। आज इस मामले कोर्ट ने राहुल को कोई राहत नहीं दी और उनकी अर्जी खारिज कर दी। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कानून के तहत अभी भी हमारे पास जो भी विकल्प उपलब्ध हैं, हम उन सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।जानकारी के मुताबिक सूरत सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी हाईकोर्ट जाएंगे।