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जयपुर। राजस्थान में 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर का फायदा उन्हीं पात्र कनेक्शनधारियों को मिलेगा जो सरकार के राहत कैंप में आएगा। ये कैंप 24 अप्रैल से गांवों और शहरों में लगाए जाने वाले ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ और ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ के तहत राहत कैंप लगाए जाएंगे।
फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट की ओर से आज जारी गाइडलाइन के मुताबिक योजना का फायदा लेने के लिए पात्र कनेक्शनधारी (बीपीएल और पीएम उज्जवला योजना) को कैंप में आकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन फूड एंड सप्लाई विभाग के पोर्टल पर होगा। इसके जो डाटा सरकार को उपलब्ध होगा, उसी के आधार पर कैश सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
ये डॉक्युमेंट्स लाना जरूरी
इन कैंप में गैस कनेक्शन की डायरी या पूर्व में जारी रसीद की कॉपी के अलावा जनाधार कार्ड लाना जरूरी होगा। इन डॉक्युमेंट्स के जरिए कैंप में पोर्टल पर सारा डेटा डालकर उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया केवल कैंप में ही की जाएगी और प्रथम चरण में ये कैंप 24 अप्रैल से 30 जून तक लगाए जाएंगे।
73 लाख से ज्यादा परिवार
राजस्थान में तीनों गैस कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल) के 1 करोड़ 75 लाख 48 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं। इनमें से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 69 लाख 20 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं। इसके अलावा 3 लाख 80 हजार बीपीएल परिवार हैं, जिनके पास गैस कनेक्शन हैं।
2020 में केंद्र ने बंद कर दी थी सब्सिडी
केंद्र सरकार ने गैस पर सब्सिडी अप्रैल 2020 से बंद कर दी थी। सबसे पहले सब्सिडी गैस सिलेंडर के साथ ही आती थी। यानी सिलेंडर की रेट कम होती थी। बाद में DBT (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) स्कीम के जरिए सब्सिडी बैंक खातों में डाली जाने लगी थी। इसके लिए भी उपभोक्ताओं को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। उपभोक्ताओं को सिर्फ एक बार बैंक खाते और आधार नंबर की डिटेल गैस एजेंसियों को देनी होती थी।
सरकार को कितने पैसे देने होंगे, इसे ऐसे समझें
- बीपीएल श्रेणी के 6 लाख उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर 1050 रुपए में मिल रहा है। इसके बाद जब 500 रुपए में मिलेगा तो बचा हुआ 550 रुपया राज्य सरकार को देना होगा। इससे राज्य सरकार पर सालाना लगभग 396 करोड़ का अतिरिक्त खर्चा आएगा।
- इसी तरह उज्जवला के 69 लाख उपभोक्ताओं को फिलहाल सिलेंडर सब्सिडी के बाद 850 रुपए में मिल रहा है। ऐसे में जब उन्हें 500 रुपए में मिलेगा तो बचे हुए 350 रुपए राज्य सरकार को देने होंगे। इससे राज्य सरकार पर सालाना लगभग 2898 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
- कुल 75 लाख उज्ज्वला और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को जब रियायती दरों पर राजस्थान सरकार सिलेंडर देगी तो इससे सरकार पर सालाना 3294 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।