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Saturday, November 23

काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी, हर रोज मुख्यालय को भिजवानी होगी रिपोर्ट

अभिनव न्यूज राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में बुधवार को पूरे राज्य में मेडिकल सेवाएं बंद रहेंगी। प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों के समर्थन में अब सरकारी हॉस्पिटल के सभी रैंक के डॉक्टरों ने कल पूरे दिन सामूहिक कार्य बहिष्कार का निर्णय किया है। इस कारण राज्य में कल पीएचसी, सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल, जिला हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी सर्विस बंद रहेगी। इस पूरे विरोध-प्रदर्शन में 15 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स और टीचर फैकल्टी शामिल हैं।

मेडिकल ऑफिसर और पीएचसी-सीएचसी के डॉक्टर्स की यूनियन अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) ने पहले से ही 29 मार्च को कार्य बहिष्कार का ऐलान कर रखा है। अब इनके समर्थन में सरकारी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स भी आ गए हैं। इसमें सीनियर प्रोफेसर, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर रैंक की फैकल्टी शामिल है।

जारी रहेगी इमरजेंसी और आईसीयू सर्विस

इस बंद के दौरान केवल ओपीडी का बहिष्कार रहेगा। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा दिया जाएगा।

15 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स काम नहीं करेंगे

राजस्थान में मेडिकल ऑफिसर्स रैंक के लिए करीब 14500 डॉक्टर्स हैं। जो जिलों में सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ, पीएचसी-सीएचसी, उपजिला हॉस्पिटल, जिला हॉस्पिटल में सर्विस दे रहे हैं। गांव और छोटे कस्बों में मरीजों को देखने की जिम्मेदारी इन्हीं पर है। वहीं, बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेज और उनसे अटैच हॉस्पिटल में ओपीडी के साथ आईपीडी में भर्ती मरीजों को देखने के लिए सीनियर डॉक्टर्स के तौर पर इन टीचर्स फैकल्टी को सरकार ने जिम्मेदारी दे रखी है। इनकी संख्या 2 से ढाई हजार के बीच है।

रेजिडेंट्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी

सरकारी हॉस्पिटलों में आंदोलन कर रहे रेजिडेंट्स डॉक्टरों पर सरकार अब एक्शन लेने की तैयारी में जुट गई है। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने आज एक ऑर्डर जारी करते हुए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को उनके कॉलेज में पढ़ रहे ऐसे रेजिडेंट्स डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए कहा है, जो आंदोलन के दौरान मरीजों के परिजन से दुर्व्यवहार कर रहे हों, राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हों और अपने कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हों।

– डिपार्टमेंट ने सभी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने वाले मेडिकल टीचर, उनसे अटैच हॉस्पिटलों में लगे डॉक्टर्स, रेजिडेंट्स, पेरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ की अटेंडेंस (उपस्थिति) सुबह 9:30 बजे तक भिजवाने के लिए कहा है। – इन सभी डॉक्टर्स और स्टाफ की छुट्?टी भी प्रिंसिपल या हॉस्पिटल सुप्रीटेंडेंट्स ही अप्रूड करेंगे। ये छुट्टियां केवल विशेष परिस्थितियों में भी अप्रूव करेंगे। इसकी सूचना भी मुख्यालय (मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट) भिजवानी होगी।

रेजिडेंट्स पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर

प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों के इस आंदोलन में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स भी पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे हैं। इस कारण पहले ही मेडिकल कॉलेज से अटैच हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं बिगड़ रही हैं। क्योंकि ओपीडी और वार्डों में भर्ती मरीजों को संभालने का काम रेजिडेंट्स ही करते हैं। ऐसे में कल अगर हड़ताल पूरे प्रदेश में रहती है तो मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। प्राइवेट हॉस्पिटलों में पहले से ही इलाज बंद कर रखा है।

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