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Friday, September 20

आरटीआई कार्यकर्ता ज्योति सोनी की कलम से…

अभिनव न्यूज
बीकानेर:
सूचना का अधिकार-2005 के तहत आम आदमी सरकारी विभाग से विकास कार्य के लिए किस मद्द के लिए कितना फण्ड, आया कितना खर्च हुआ एवं कितना शेष बचा इसका विस्तृत व्योरा संबंधित विभाग से मांगा जा सकता है। यदि किसी भी तरह की अनियमितता हुई हो तो इस अधिनियम के माध्यम से हकीकत की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

आइए जानते हैं कैसे हम सूचना का अधिकार का आवेदन दाखिल कर सकते हैं और इसके क्या नियम हैं।

ऑनलाइन RTI फाइल करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
फिर यहां ‘Submit Request’ के बटन पर क्लिक करना है।जिसके बाद एक गाइडलाइन्स पेज खुलेगा।
अब गाइडलाइन्स को अच्छे से पढ़ लें और उसके बाद confirm पर क्लिक करें।
आपने पूरी guidelines पढ़ ली हैं तो Submit पर क्लिक करें।
अब आपके सामने एक फॉर्म खुल कर आएगा।

आपको जिस department से जुडी जानकारी चाहिए, उसके अनुसार फॉर्म को पूरा भरें।ध्यान रखना है कि फॉर्म में सभी detail सही सही होनी चाहिए साथ ही फॉर्म को अधूरा न छोड़े, इसे पूरा भरें।
इसके बाद जरुरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर दें।
इसके बाद सुरक्षा कोड भरें।
अब सबसे नीचे submit button पर क्लिक कर दें।
फॉर्म भर जाने के बाद आपको फॉर्म का एक रिसीप्ट मिलेगा। आपको इसे संभाल कर रखना है।फॉर्म की status चेक करते समय आपको इस रिसीप्ट की जरुरत पड़ेगी।
आरटीआई के आवश्यक नियम

भारत का नागरिक किसी भी सरकारी दफ्तर से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है.
आरटीआई दाखिल करके आप किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसमें सभी केंद्रीय, राज्य और स्थानीय संस्थाएं आती हैं, जिनकी स्थापना संविधान के अंतर्गत हुई हो।
आवेदन करते समय आवेदक को एकदम सटीक सरकारी संस्था का नाम दर्ज करना होता है।
आवेदन के साथ आपको 10 रूपये का आवेदन शुल्क भी जमा करना पड़ता है। बीपीएल कार्ड धारकों के लिए यह शुल्क माफ कर दिया जाता है। अलग-अलग राज्यों के आधार पर यह शुल्क 8 से 100 रूपये के बीच हो सकता है।

आवेदन करने के बाद 30 दिन के अंदर अंदर परिणाम मिल जाता है।यदि महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट हों तो परिणाम 48 घंटे में भी प्राप्त किया जा सकता है।
कुछ कारणों से आवेदन कैंसिल भी किया जा सकता है, जैसे- आवेदन में बात स्पष्ट तरीके से न लिखी होना, डिटेल अधूरी होना या आवेदन की राशि गलत भर दी गई है तो आपका आवेदन रिजेक्ट भी किया जा सकता है ऐसी ही RTI सम्बंधित अन्य जानकारी के जुड़े मानवाधिकार एव आरटीआई जागरूकता समिति, श्री डुंगरगढ़ के माध्यम से आमजन लोगो को सूचना अधिकार अधिनियम के प्रति जागरूक में करने का छोटा सा प्रयास है

ज्योति सोनी , आरटीआई कार्यकर्ता

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