Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Thursday, September 19

मंकीपॉक्स पर ICMR की चेतावनी:यह बीमारी छोटे बच्चों के लिए बड़ा खतरा..

अभिनव टाइम्स | मंकीपॉक्स के संक्रमण को तेजी से फैलता देख इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चेतावनी जारी की है। हेल्थ एजेंसी का कहना है कि छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है, जिसके चलते इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी। फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट पर है।

उधर, भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रॉन ​​​​​हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए एक RT-PCR टेस्ट किट तैयार कर ली है। यह किट 1 घंटे के अंदर नतीजे दे सकेगी।

शुक्रवार को अर्जेंटीना में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया। मरीज हाल ही में स्पेन की यात्रा कर लौटा है। देश में वायरस का एक संदिग्ध मरीज भी पाया गया है। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम अफ्रीका से UAE लौटी एक महिला में भी मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।

बता दें कि अब तक 21 देशों में मंकीपॉक्स के 226 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 100 संदिग्ध मरीज ऐसे देशों से रिपोर्ट किए गए हैं, जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर नहीं पाया जाता है। मंकीपॉक्स का पहला मामला ब्रिटेन में 7 मई को सामने आया था।

हालांकि, राहत की बात यह है कि मंकीपॉक्स वायरस में अब तक कोई जेनेटिक बदलाव नहीं मिले हैं। यानी, वायरस अब तक इंसानों में म्यूटेट नहीं हुआ है। यह बीमारी अफ्रीका के बाहर कैसे फैली, वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस महीने हुए मंकीपॉक्स आउटब्रेक का एपिसेंटर स्पेन को माना जा रहा है। शुक्रवार तक यहां 98 मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं, ब्रिटेन में 106 और पुर्तगाल में 74 मरीज इस दुर्लभ बीमारी की चपेट में हैं। इसके अलावा मंकीपॉक्स कनाडा, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, इटली और अमेरिका समेत कई देशों में फैल चुका है।

सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एडवाइजर डॉ डेविड हेमैन ने न्यूज एजेंसी AP से बातचीत में बताया था कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण फैलने की वजह स्पेन और बेल्जियम में हुई दो गे सेक्स पार्टीज हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक यौन रोग यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) नहीं है। हालांकि, सेक्स के दौरान संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से यह बीमारी फैल सकती है।

समलैंगिक पुरुषों में तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए WHO ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। हेल्थ एजेंसी का कहना है कि किसी इंसान में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर उससे स्किन-टु-स्किन, फेस-टु-फेस और सेक्शुअल कॉन्टैक्ट बिलकुल न करें। मरीज के थोड़ा भी करीब आने पर मास्क पहनें और हाथ धोएं।

मंकीपॉक्स के लक्षणों में पूरे शरीर पर मवाद से भरे दाने, बुखार, सूजी हुई लिंफ नोड्स, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं।

ब्रिटेन में मरीज पालतू जानवरों से दूरी बनाएंगे

ब्रिटेन की यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों से पालतू जानवरों से कम से कम 3 हफ्ते दूरी बनाने के लिए कहा है। गाइडलाइन के मुताबिक, जिन मरीजों के घर में चूहे और गिलहरी जैसे रोडेंट्स हैं, वो इन जानवरों को 21 दिन क्वारैंटाइन रखेंगे। वहीं, जिन मरीजों के घर में कुत्ते और बिल्ली हैं, उन्हें भी जानवरों को आइसोलेशन में रखकर रेगुलर वेट चेकअप कराने होंगे। दरअसल, यह बीमारी जानवरों और इंसानों दोनों में फैल सकती है।

Click to listen highlighted text!