Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, November 15

‘आखर उजास’ कार्यक्रम में शायर जाकिर अदीब ने सुनाया कलाम

अभिनव न्यूज
बीकानेर:
प्रज्ञालय संस्थान एवं स्व. नरपतसिंह सांखला स्मृति संस्थान के साझा आयोजन ‘आखर उजास’ की पहली कड़ी उर्दू भाषा को समर्पित रही। कार्यक्रम में शायर ज़ाकिर अदीब ने अपनी प्रतिनिधि ग़ज़लों के शे’र प्रस्तुत किए। आपने अपने शेर – सोने की चाहत थी जिनको/हमने उन पर वारी मिट्टी, हो गैर की सरकार कि अपनों की हुकूमत/मजलूम तो हर दौर में मजलूम रहे हैं, उनको शायद पता नहीं होगा/अपनी इंसानियत से यारी है, तेरे चेहरे पे गर्द है गम की/ऐ जमाने तुझे हुआ क्या है……के साथ अनेक शे’र प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में जाकिर अदीब की रचना प्रस्तुति उपरांत विशेषज्ञ टिप्पणी करते हुए आलोचक डॉ. अस्मा मसूद ने कहा कि जाकिर अदीब नई नस्ल के आधुनिक तेवर के शायर है, आपकी शायरी में हिन्दुस्तान की सभ्यता एवं सस्कृति पर हो रहे संकटों पर तंज है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मधु आचार्य ने कहा कि ज़ाकिर अदीब की शायरी मानवीय पीड़ा को स्वर देती है एवं संवेदनाओं का दस्तावेज है। उर्दू साहित्य में बीकानेर में यह पहला नवाचार है। जिसमें एक शायर की शायरी पर गहन विमर्श हुआ।

कार्यक्रम में कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि जाकिर अदीब अपनी रचनाओं के माध्यम से मानवीय चेतना और जीवन के यथार्थ को रेखांकित करते हुए अपनी बात को बेबाकी से प्रस्तुत करते है।
प्रारंभ में स्वागत भाषण कासिम बीकानेरी ने देते हुए कहा कि हिन्दी राजस्थानी और उर्दू को समर्पित एवं भाषायी समन्वय के लिए प्रारंभ की गई।
कार्यक्रम में अतिथि रचनाकार जाकिर अदीब से उनकी शायरी और रचना प्रक्रिया पर सवाल हुए जिनका जवाब उन्होंने दिया।
कार्यक्रम में नंद किशोर सोलंकी, डॉ अजय जोशी, मौलाना अशरफी, माजिद खान गौरी, संजय पुरोहित, इस्हाक गौरी, कैलाश टाक, सईद अहम, इरशाद अजीज, बुनियाद हुसैन, मधुरिमा सिंह, कृष्णा वर्मा, इन्द्रा व्यास, नगेन्द्र नारायण किराडू, अशोक जोशी, गंगाबिशन बिश्नोई, कमल किशोर पारीक, अमित गोस्वामी, गिरीराज पारीक, डॉ फारूक चौहान, इसरार हसन, असद अली, लोकेश दत्त आचार्य, शारदा भारद्वाज, अब्दुल जब्बार जज्बी, इंजी.कासम अली, घनश्याम सिंह, भवानी शंकर व्यास, शिव प्रकाश शर्मा, हरी किशन व्यास, विप्लव व्यास, समीर गोयल, एसके आचार्य, हनुमंत गौड़ सहित कवि, शायर, रंगकर्मी एवं गणमान्य श्रोताओं की सहभागिता ही।
कार्यक्रम का संंचालन हरीश बी शर्मा ने किया। सभी का आभार संजय सांखला ने ज्ञापित किया।

Click to listen highlighted text!