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Friday, September 20

भारत की लेखनी का दुनिया में डंका: बुकर प्राइज जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास टॉम्ब ऑफ सैंड..

अभिनव टाइम्स | लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास टॉम्ब ऑफ सैंड को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला। गीतांजलि श्री का उपन्यास हिंदी में ‘रेत समाधि’ नाम से पब्लिश हुआ था। अमेरिकन राइटर-पेंटर डेजी रॉकवेल ने टॉम्ब ऑफ सैंड के नाम से इस उपन्यास का इंग्लिश में अनुवाद किया। यह उपन्यास दुनिया की उन 13 पुस्तकों में शामिल था, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की लिस्ट में शामिल किया गया था।

टॉम्ब ऑफ सैंड बुकर जीतने वाली हिंदी भाषा की पहली किताब है। साथ ही किसी भी भारतीय भाषा में अवॉर्ड जीतने वाली पहली किताब भी है। लंदन में गुरुवार ​को ​​​​​​लेखिका गीतंजलि श्री को अवॉर्ड दिया गया। गीतांजलि को 50 हजार पाउंड की इनाम राशि मिली, जिसे वो डेजी रॉकवेल के साथ साझा करेंगी।

मैंने कभी नहीं सोचा था मुझे बुकर पुरस्कार मिलेगा
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की गीतांजलि श्री को पुरस्कार मिला, तब खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा- मैंने बुकर का सपना कभी नहीं देखा था। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं चकित हूं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कर सकती हूं। उन्होंने कहा- हिंदी-अंग्रेजी और फ्रेंच पब्लिशर्स सहित में अपनी फ्रेंच अनुवादक एनीमांतो की आभारी हूं।

गीतांजलि श्री अब तक तीन उपन्यास और कथा संग्रह लिख चुकी हैं। उनके उपन्यासों और कथा संग्रह को अंग्रेजी, जर्मन, सर्बियन, फ्रेंच और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

लंदन पुस्तक मेले में ये किताबें शार्टलिस्ट हुई थीं

  • बोरा चुंग की ‘कर्स्ड बनी’ शामिल थी, जिसे कोरियाई भाषा से एंटोन हूर ने अनुवाद किया है।
  • जॉन फॉसे की ‘ए न्यू नेम: सेप्टोलॉजी VI-VII’ इसमें शामिल थी, जिसे नार्वेई भाषा से डेमियन सियर्स ने अनुवाद किया था।
  • मीको कावाकामी की किताब ‘हेवेन’ भी शामिल थी, जिसे जापानी से सैमुअल बेट और डेविड बॉयड ने अनुवाद किया था।
  • क्लाउडिया पिनेरो की ‘एलेना नोज़’ की किताब शामिल थी, जिसका अनुवाद स्पेनिश से फ्रांसिस रिडल ने किया।
  • ओल्गा टोकार्ज़ुक की ‘द बुक्स ऑफ जैकब’ शामिल थी, जिसका अनुवाद पोलिश भाषा से जेनिफर क्रॉफ्ट ने किया था।

क्या है बुकर प्राइज
ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित या अंग्रेजी में ट्रांसलेट की गई किसी एक किताब को हर साल ये खिताब दिया जाता है। इस पुरस्कार की घोषणा 7 अप्रैल 2022 में लंदन बुक फेयर में की गई थी, लेकिन विजेता का ऐलान अब हुआ।

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