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चुनाव आयोग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने घोषणा की कि त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होंगे। मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि तीनों राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे। इन सभी राज्यों में एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे।
- त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीख-16 फरवरी
- मेघालय में विधानसभा चुनाव की तारीख- 27 फरवरी
- नागालैंड में विधानसभा चुनाव की तारीख- 27 फरवरी
- तीनों राज्यों के चुनाव नतीजे का ऐलान- 2 मार्च
तीनों ही राज्यों में बीजेपी का ‘राज’
इन तीनों ही राज्यों में किसी ना किसी तरह से बीजेपी सत्ता में है। त्रिपुरा में बीजेपी अकेले दमपर सत्ता में है, लेकिन इस बार लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन बीजेपी के लिए सबसे बड़ै चैलेंज है। वहीं, मेघालय में बीजेपी गठबंधन की सरकार है। 19 सीटों वाली एनपीपी के कॉनराड संगमा सीएम हैं। नागालैंड में भी बीजेपी गठबंधन सत्ता पर काबिज़ है। 2018 में एनडीपीपी और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। फिलहाल एनडीपीपी के नेफियू रियो नागालैंड के सीएम हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के फैक्टर क्या हैं-
त्रिपुरा में पिछली बार बीजेपी ने अकेले दम पर बहुमत तो हासिल कर लिया था लेकिन लेफ्ट और उसके बीच वोटों का शेयर काफी कम था। इस बार कांग्रेस और लेफ्ट का महागठबंधन बीजेपी को चोट पहुंचा सकता है, हालांकि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी इस चुनाव में काफी अहम रोल प्ले करने वाली है। TMC किसका वोट काटेगी ये देखना दिलचस्प होगा, इसके अलावा आदिवासी वोट किसे मिलता है, ये भी काफी अहम होगा।
नागालैंड विधानसभा चुनाव में इस बार कई फैक्टर-
नागालैंड में बीजेपी और NDPP गठबंधन के सामने सत्ता में लौटना बड़ी चुनौती है। वहीं अगर कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट के बीच गठबंधन होता है तो चुनाव में बड़ा खेल हो सकता है क्योंकि पिछली बार NPF 26 जीतें सीटकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इसके अलाव नागा शांति वार्ता, नागा विद्रोही समूह का रुख भी काफी अहम होगा। वहीं, ईसाई समुदाय का एक मुश्त वोट जीत और हार तय करेगा। नागालैंड में करीब 88% लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं।
मेघालय का चुनाव भी इस बार काफी दिलचस्प-
मेघालय में टीएमसी की मौजूदगी कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है। पिछले चुनाव में बीजेपी को 2 सीटें मिली थी, लेकिन गठबंधन में उसी की सरकार है। इसके अलावा 10 लाख से ज़्यादा महिला वोटर और 4 लाख से ज़्यादा नए वोटर पूरा चुनावी गणित बदल सकते हैं।