Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Saturday, November 16

अब शिक्षा के साथ कौशल विकास पर भी होगा जोर, शिक्षार्थी का संपूर्ण विकास होगा लक्ष्य

अभिनव न्यूज
बीकानेर:
बेसिक पी.जी. महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’’ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, बीकानेर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली मौजूद रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया। उनके द्वारा बताया कि किसी भी देश या राष्ट्र के लोगों के लिए शिक्षा सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने बताया कि विद्यार्थी जीवन में यह आवश्यक है कि हमें किन बातों पर विचार करना है, अपने व्यक्तित्व विकास कैसे कर सकते हैं। ज्ञान तो सब में है पर उस पर से किस चीज को आत्मसात करना है, यह बताना शिक्षक का काम है। आत्मनिर्भर भारत पर जानकारी देते हुए डॉ. श्रीमाली ने बताया की भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है।

आत्मनिर्भर भारत को बनाने में पारंपरिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हमारे अंदर शिक्षा के साथ-साथ कोई ना कोई कौशल भी होना आवश्यक है, हमारे दिमाग में यह डाला जाता है कि हम आगे चलकर नौकरी पा सके किंतु अब नई शिक्षा नीति में आत्मनिर्भर बनने की सोच को प्राथमिकता दी जा रही है। डॉ. श्रीमाली ने यह भी बताया केन्द्र सरकार का प्रयास है कि इस शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों का बोझ कम कम करने के साथ-साथ उन पर जबरदस्ती थोप जाने वाले विषयों को भी हटाया जाए। वर्तमान आधुनिक युग में कोडिंग शिक्षा प्रणाली की भी बहुत आवश्यकता है इसी को ध्यान रखते हुए सरकार ने प्रयास किया है कि छठी कक्षा से कोडिंग विषय को भी लागू करते हुए विद्यार्थियों को कोडिंग भी सिखाया जाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने बताया कि देश का युवा दुनिया को नेतृत्व देने के लिए तैयार है। ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बेहतर अमल से यह उपलब्धि पायी जा सकती है। मैकाले की शिक्षा व्यवस्था से निकालकर भारतीयता की शिक्षा व्यवस्था जोड़ना इस नीति का मुख्य उद्देश्य है। 21वीं सदी में भारत को विश्वगुरू बनाने के लक्ष्य को साकार करना होगा।
कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा मुख्य वक्ता डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली को शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, सुश्री संध्या व्यास, सुश्री श्वेता पुरोहित, सुश्री प्रियंका देवड़ा, श्रीमती अर्चना व्यास, अजय स्वामी, जयप्रकाश, हिमांशु व्यास, गणेश दास व्यास, सुश्री जयन्ती व्यास, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, हितेश पुरोहित, पंकज पाण्डे, महेन्द्र आचार्य, राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Click to listen highlighted text!