अभिनव टाइम्स |महात्मा गांधी स्कूल में एडमिशन की डिमांड बढ़ते देख शिक्षा विभाग ने मानदंडों में परिवर्तन कर दिया है। अब तक उन्हीं गांवों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुल सकते थे, जहां चार हजार की आबादी है लेकिन अब इसे घटाकर तीन हजार कर दिया है। इतना ही नहीं शहरी क्षेत्र में स्कूल बिल्डिंग का अभाव होने के कारण हिन्दी माध्यम के परिसर में ही सुबह अंग्रेजी माध्यम स्कूल चलेंगे।
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों राज्यभर में दो हजार से ज्यादा अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की थी। इसके लिए शहरी क्षेत्र में तो स्थान ही नहीं मिल रहा। पिछले दिनों विभाग की उच्च स्तरीय मीटिंग में निर्णय हुआ कि अगर शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के लिए भवन की समस्या है तो हिन्दी माध्यम के परिसर में ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोल दिए जाएं। अगर भवन अच्छे हैं तो सुबह की शिफ्ट में अंग्रेजी माध्यम स्कूल चलेंगे और दोपहर की शिफ्ट में हिन्दी माध्यम। अगर कोई भवन बड़ा है तो उसी परिसर में दो अलग अलग विंग भी बनाई जा सकती है। जिससे एक तरफ महात्मा गांधी स्कूल संचालित होंगे और दूसरी तरफ हिन्दी माध्यम के स्कूल चलेंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नए सत्र में जो अभिभावक महात्मा गांधी स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाना चाहते हैं, उन्हें हर हाल में सीट उपलब्ध कराई जाए। बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जिनके परिसर काफी बड़े हैं। यहां अब दो-दो विंग में स्कूल चल सकेंगे। इससे शहरी क्षेत्र में एक ही परिसर में दो-दो स्कूल चलाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।