अभिनव टाइम्स | राजस्थान में टीचर्स के ट्रांसफर के लिए शिक्षा विभाग में नई पॉलिसी तैयार की है। इससे ट्रांसफर का इंतजार कर रहे टीचर्स का इंतजार थोड़ा और बढ़ सकता है। ऐसे में नई पॉलिसी लागू होने से पहले ही टीचर्स ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। इसको लेकर अब टीचर्स और शिक्षा विभाग दोनों ही मुख्य सचिव के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने 6 महीने पहले नई ट्रांसफर पॉलिसी के तहत प्रदेश में ट्रांसफर करने की बात कही थी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी पर काम भी शुरू कर दिया। जिसे तैयार कर मुख्य सचिव की कमेटी को भेजा गया है। इसके बाद अब मुख्य सचिव की कमेटी अपने सुझाव और बदलाव लागू कर नई पॉलिसी को कैबिनेट में भेजेगी। 12 से 15 लोगों की कमेटी है जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेगी। इस कमेटी में 2 सीनियर IAS , 3 RAS के साथ ही शिक्षाविद और सचिवालय के आला अधिकारी भी है। जहां कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई पॉलिसी लागू किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में पिछले 3 साल से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे टीचर्स को 3 से 4 महीने और इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में सरकार की इस नई प्रक्रिया को लेकर टीचर्स ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
फिर से करना होगा आवेदन
राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि शिक्षा विभाग ने टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी बनाई है। इसे शिक्षा विभाग ने अप्रूवल के लिए मुख्य सचिव को भेज दी है। ऐसे में नई पॉलिसी अप्रूव होने के बाद ने सिरे से ट्रांसफर के लिए आवेदन मांगे जाएगे। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत जो भी टीचर उसके अंतर्गत आएगा। उनको ही ट्रांसफर में राहत दी जाएगी।
85 हजार टीचर्स पहले कर चुके हैं आवेदन
बता दें कि राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जिसमें प्रदेश के 85 हजार से ज्यादा टीचर्स ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था। 9 महीने का वक्त बीत जाने के बाद भी टीचर्स के ट्रांसफर नहीं हुए थे। इसको लेकर प्रदेशभर के टीचर्स लंबे समय से विरोध कर रहे है। वहीं अब नई पॉलिसी लागू होने के बाद भी टीचर्स को ट्रांसफर के लिए अब कुछ महीने और इंतजार करना पड़ेगा।