अभिनव न्यूज।
भारत में इस साल अक्टूबर-नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन होना है। टीम इंडिया ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप 2011 में घर में ही जीता था। हालांकि पिछले 13 साल से टीम ने कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है। इसी के चलते अब बीसीसीआई ने आज अपनी रिव्यू मीटिंग में एक सख्त फैसला लिया है। इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के आईपीएल में भाग लेने पर एक बड़ा फैसला लिया है।
रविवार को मीटिंग में लिया फैसला
टूर्नामेंट के 2023 संस्करण के दौरान एनसीए को आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ काम करने की योजना बीसीसीआई द्वारा रविवार को मुंबई में एक समीक्षा बैठक के बाद की गई कई सिफारिशों में से एक थी, जिसे विश्व के लिए सीनियर पुरुष टीम के रोडमैप पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। चर्चा किए गए अन्य मामलों में 2022 में टीम का प्रदर्शन था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज हार, इंग्लैंड में पांचवीं टेस्ट हार, यूएई में टी20 एशिया कप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफलता शामिल थी। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार पर भी चर्चा की गई।
बीसीसीआई के द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया, ”उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए पर्याप्त घरेलू सत्र खेलना होगा। यो-यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन मानदंड का हिस्सा होंगे और खिलाड़ियों के केंद्रीय पूल के अनुकूलित रोडमैप में लागू होंगे। पुरुषों के एफटीपी और आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, एनसीए आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर आईपीएल 2023 में भाग लेने वाले लक्षित भारतीय खिलाड़ियों की निगरानी करेगा।
यो-यो टेस्ट से होगा सेलेक्शन
बीसीसीआई की रिव्यू मीटिंग से एक बड़ा अपडेट ये मिला है कि खिलाड़ियों को अब फिर से टीम में सेलेक्ट होने के लिए यो-यो टेस्ट पास करना होगा। अगर खिलाड़ी टेस्ट में फेल होते हैं तो उनका चयन नहीं हो पाएगा। यो-यो टेस्ट एक फिटनेस टेस्ट जिसमें खिलाड़ियों की फिटनेस और स्टेमिना को जांचा जाता है। यह टेस्ट पूरी तरह से टेक्नोलॉजी की मदद से लिया जाता है। इस टेस्ट में 20 मीटर पर एक शंकु रखा होता है जिसमें खिलाड़ियों को दौड़ना होता है।