Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Sunday, November 24

जनवादी चेतना का एक प्रखर स्वर हुआ मौन, देहदानी कवि कॉ. श्री हर्ष का निधन

अभिनव न्यूज
बीकानेर।
जनवादी चेतना के प्रखर कवि कॉमरेड श्री हर्ष का शुक्रवार को बीकानेर में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे और लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। राजस्थान और बंगाल में प्रगतिशील कविता के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक श्री हर्ष ने साहित्य के जरिये समाज के दबे- कुचले और पिछड़े वर्ग की पीड़ाओं को अभिव्यक्त किया था। शनिवार सुबह 10 बजे उनके बेनीसर बारी स्थित निवास से उनकी अंतिम यात्रा सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के एनोटॉमी विभाग पहुंचेगी, जहां श्री हर्ष की इच्छा के अनुसार उनका देहदान किया जाएगा। लगभग सात दशक के सुदीर्घ साहित्यिक जीवन में हर्ष के मछलिया ठहरे तालाब की, अपने अपने सुख,

रोशनी की तलाश, राजा की सवारी, मुरझाए चेहरों की चहल पहल और घर का सच आदि अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने ‘चन्द्रयान’ जैसी प्रगतिशील चेतना की अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया था। बीकानेर के साहित्यिक समाज में कवि श्री हर्ष के निधन के समाचार से शोक का वातावरण बन गया है। अरुण प्रकाशन के संजय आचार्य वरुण ने श्री हर्ष के निधन पर कहा कि आज राजस्थान में जनवादी चेतना का एक प्रखर स्वर मौन हो गया है। सुनील गज्जाणी, रमेश भोजक समीर, विप्लव व्यास, डॉ. कृष्णा आचार्य और राजस्थान उर्दू अकादमी के प्रोग्राम कन्वीनर एवं शायर इरशाद अज़ीज़ ने भी कवि श्री हर्ष के निधन पर गहरा शोक जताया है।

Click to listen highlighted text!