Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Sunday, November 24

राजस्थानी भाषा और साहित्य के विकास में तेस्सीतोरी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा, 103वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित

अभिनव न्यूज।
बीकानेर: राजस्थानी भाषा और साहित्य के विकास के लिए डॉ. एलपी तेस्सीतोरी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। युवा पीढ़ी को इससे सीख लेनी चाहिए।
इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान डॉ एलपी तेस्सीतोरी की पुण्यतिथि के अवसर पर मंगलवार को राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय तथा मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति प्रन्यास की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने यह उद्गार व्यक्त किए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पवार ने कहा कि एक सदी पूर्व सीमित संसाधनों के दौर में तेस्सीतोरी ने राजस्थानी के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि बीकानेर उनकी कर्मभूमि रही। यहां रहकर उन्होंने कला, संस्कृति और भाषा के विकास के लिए कार्य किया।

पुस्तकालय विकास समिति के अध्यक्ष हरि शंकर आचार्य ने कहा कि ऐसे महापुरूषों को याद करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुरलीधर व्यास राजस्थानी स्मृति प्रन्यास के सचिव व्यास योगेश राजस्थानी ने कहा कि राजस्थानी जन जन की भाषा बने, इसके लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। उन्होंने मुरलीधर व्यास द्वारा लिए राजस्थानी भाषा से संबंधित संकल्प के बारे में बताया।
पुस्तकालयाध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा कि पुस्तकालय विकास समिति द्वारा राजस्थानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी श्रंखला में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ।
इस दौरान मयंक राजपुरोहित, नरपत दान चारण, हनुमान सिंह सिद्ध, राहुल चौधरी, इंद्रकुमार, रामस्वरूप बिश्नोई, महेश पांडया तथा विवेक सिंघल आदि मौजूद रहे।
इससे पहले सभी ने तेस्सीतोरी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर चर्चा की।

Click to listen highlighted text!