अभिनव न्यूज।
बीकानेर: राजस्थान ललित कला अकादमी के तत्वावधान में तीन दिवसीय मरू चित्रकार शिविर का समापन सोमवार को ढोला मारू होटल में हुआ।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि यशपाल गहलोत थे। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि-कथाकार एवं राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जोशी ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी विपिन पुरोहित, पेंटर कलाश्री, इन्द्र सिंह राजपुरोहित एवं महावीर स्वामी रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में राजस्थान राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास की प्रेरणा से आयोजित तीन दिवसीय शिविर में बीकानेर संभाग के 17 कलाकारों ने अपनी-अपनी कलाकृतियां बनाकर ललित कला अकादमी को समर्पित की हैं। उन्होंने बताया कि अकादमी स्तर पर सभी संभागों में इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे। डॉ हर्ष ने कहा कि बीकानेर संभाग के कलाकारों ने सदैव अपनी उपस्थित चित्रों के माध्यम से दुनियाभर में दर्ज की है।
मुख्य अतिथि यशपाल गहलोत ने कहा कि ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित यह शिविर चित्रकारों के लिए बेहतर प्लेटफार्म रहा।
अध्यक्षता करते हुए जोशी ने कहा कि कलाकार को किसी विषय विशेष के बंधन में बांधकर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि कलाकार संवेदनशील होता है तथा वह अपनी कलाकारी के लिए स्वतंत्र होता है। जोशी ने नगर के वरिष्ठ कलाकारों का स्मरण किया तथा भोज, के.राज सहित अन्य कलाकारों के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि तीन दिन में बनाए गए चित्रों में मरु अंचल की झलक स्पष्ट दिखाई देती है तथा यह जीवन्त चित्र है जो मरु नगरी और संभाग के चरित्र को प्रदर्शित करती है।
कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों ने सभी संभागी कलाकारों को स्मृति चिन्ह और माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा बनाए गए चित्रों का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए शिविर समन्वयक प्रख्यात चित्रकार हिमानी शर्मा ने बताया की सभी चित्रों की प्रदर्शनी ढोला मारु में प्रदर्शित की गई है।
शिविर में योगेंद्र कुमार पुरोहित, मोहसीन राजा उस्ता, अनिकेत कच्छावा, कमल किशोर जोशी, रवि कुमार शर्मा, खेमचंद शर्मा, शंकर राय, मालचंद पारीक, अनुराग स्वामी, प्रियंका स्वामी, रक्षा डांगी, रजनी वर्मा, नीलम यादव, श्री वल्लभ पुरोहित, राजेंद्र पडिहार, शिव कुमार व्यास, रवि मोयल ने भाग लिया। शिविर के आयोजन में ललित कला अकादमी के ललित मोहन गोयल, राजकुमार जैन, गिरधारी सिंह तथा कैमरामैन सूरज कुमार का योगदान रहा।