पंडित गिरधारी सूरा ( पुरोहित )
आज हम बात करेंगे लक्ष्मी प्राप्ति के योग और उपायों के बारे में । यदि किसी के परिवार मे सदैव गृह क्लेश, आपस मे लडाई -झगड़ा रहता हो, धन नही टिकता हो । अपार धन की कामना किसे नही होती। कई बार हम देखते हैं कि बहुत प्रयास करने के बाद भी आर्थिक तंगी सहन करनी पड़ जाती है । आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आप लक्ष्मी और कुबेर देवता को प्रसन्न करें । कुछ उपाय ऐसे होते हैं,जिन्हें अपनाकर व्यक्ति दुर्भाग्य को सौभाग्य मे बदल सकता है । ज्योतिष मे जन्म कुंडली के द्वितीय भाव को धन भाव, एकादश भाव को लाभ, केंद्र स्थानों ( 1,4,7,10 ) को विष्णु तथा त्रिकोण स्थानो
(1, 5,9) को लक्ष्मी का स्थान माना गया है, गुरु और शुक्र को धन का कारक ग्रह बताया है । ज्योतिष में दूसरे, छठे और दसवें भाव को अर्थ भाव बताया है । कुंडली में चतुर्थ भाव को गुप्त धन प्राप्ति का कारक भाव माना है।
धन प्राप्ति के कुछ योग हम यहाँ बता रहे हैं-
- द्वितीयेश और चतुर्थेश शुभ ग्रह ( बुध शुक्र ) की राशि में शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हों ।
- जिस व्यक्ति की कुंडली मे लग्नेश अति बलवान हो और नवमेश केंद्र स्थान में अपनी मूल त्रिकोण, उच्च या स्वयं की राशि मे स्थित हो ।
- धनेश और लाभेश का स्थान परिवर्तन हो।
- यदि लगनेश धन भाव में जाकर अपनी उच्च राशि स्वराशि या मूल त्रिकोण मे स्थित हो ।
आइये, जानते हैं लक्ष्मी प्राप्ति के कुछ उपाय, जो आप कर सकें-
- दक्षिणावर्ति शंख मे जल भरकर भगवान विष्णु का विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त पाठ से अभिषेक करे।
- कौड़ियो को केसर या हल्दी से रंगकर पीले कपड़े में बांध लें और फिर इन कौड़ियों को धन रखने के स्थान पर रखें। धन की कमी नही रहेगी।
3.घर में बैठी लक्ष्मी का फोटो या मूर्ति शुभ मुहूर्त में लाकर उनका इक्षु रस, शक्कर या पंचामृत से अभिषेक तथा श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र एवं महलक्ष्म्याष्टकम् स्तोत्र का पाठ करें और शोडषोपचार पूजन- अर्चन कर गुलाब, कमल की माला, के साथ गुलाब जामुन, खीर, और दाडिम् का भोग लगाएं।
4.धन तेरस दीपावली के दिन कुबेर पूजन के निमित्त अपनी तिजोरी मे कमल गट्टा, लाख का टुकड़ा, कौड़ी, तांबे का सिक्का, साबुत धनिया, साबूत हल्दी , गोमती चक्र रखें।
5 फिजूल खर्ची को रोकने तथा घर में सुख शांति के लिए घर के आंगन मे खीर, और हवन सामग्री में कमलगट्टा मिलाकर हवन करें ।
- नित्य घर मे साफ सफाई रखने से और धूप गुग्गल करने से भी स्थिर लक्ष्मी का वास रहता है ।
7.हर शुक्रवार को लक्ष्मी माता के मालपुए का भोग लगाएं ।