अभिनव न्यूज।
जयपुर: मानसून के विदा होने के साथ राजस्थान में मौसमी बीमारियां तेजी से बढ़ने लग गई। राज्य में इन दिनों सबसे ज्यादा मामले डेंगू-मलेरिया के आ रहे है। हर रोज औसतन 148 से ज्यादा लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे है। बच्चों में ये तेजी से बढ़ रहा है। जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में हर रोज 10 से ज्यादा संदिग्ध मरीज यहां आ रहे है। हालांकि राहत की बात ये है कि इस बार डेंगू में सीवियरिटी बहुत कम है। यही कारण है कि इस बार डेथ केस बहुत ही कम है।
मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट राजस्थान से जारी रिपोर्ट देखे तो इस सीजन में अब तक डेंगू के 8100 से ज्यादा केस मिल चुके है, जिसमें से 39 फीसदी केवल जयपुर में मिले है। जयपुर में इस सीजन में अब तक 3180 केस आ चुके है। पिछले 21 दिन में ही राज्य में 2 हजार से ज्यादा केस मिले है। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल है।
जेके लॉन हॉस्पिटल के सुप्रीडेंट और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. आर.के. गुप्ता ने बताया कि यहां हर रोज ओपीडी में 10 से ज्यादा डेंगू के सस्पेक्ट मरीज आ रहे है, जिनका ट्रीटमेंट किया जा रहा है। लेकिन इसमें ज्यादातर मरीज एलाइजा टेस्ट में नेगेटिव आ रहे है यानी उनमें डेंगू नहीं मिल रहा है। इधर रेपिड टेस्ट में भी यही स्थिति है, जिसमें बहुत ही कम केस पॉजिटिव मिल रहे है। इस कारण इस बार एडमिशन बहुत कम हो रहे है और मरीजों को दवाईयां देकर घर पर ही ठीक कर रहे है। इस कारण जेके लॉन समेत दूसरे हॉस्पिटल में एसडीपी, प्लेटलेट्स को लेकर ज्यादा समस्या नहीं आ रही।
जयपुर में 6 दिन में 514 मरीज मिले
मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट देखे तो पिछले 6 दिन (एक से 6 अक्टूबर) तक पूरे राजस्थान में 990 नए मरीज डेंगू के मिले है। जिलेवार स्थिति देखे तो सबसे ज्यादा मरीज राजधानी जयपुर में 514 डिटेक्ट हुए है यानी हर रोज औसतन 85 मरीज आ रहे है, जिनका रिकॉर्ड सरकार की रिपोर्ट डायरी में दर्ज है। जबकि जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल के अलावा जेके लॉन, जयपुरिया के अलावा दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल में जनरल मेडिसिन के वार्ड डेंगू के मरीजों से भरे पड़े है।
बाड़मेर दूसरा बड़ा सेंटर
आबादी और जनसंख्या के हिसाब से भले ही जोधपुर, कोटा, उदयपुर समेत दूसरे जिले बड़े है, लेकिन जयपुर के बाद डेंगू के सबसे ज्यादा केस बाड़मेर में आ रहे है। इस सीजन में बाड़मेर में अब तक 619 मरीज मिल चुके है। दीपावली से पहले तो हालात ये थे कि यहां सीएचसी और डिस्टिक हॉस्पिटल में बैड फुल हो गए थे।