अभिनव न्यूज।
जोधपुर: जोधपुर जिले में ओसियां के प्रसिद्ध सच्चियाय माता मंदिर परिसर में कल देर रात अचानक आग लग गई। कपड़े के पर्दों व टेंट में लगी आग बहुत तेजी से फैलना शुरू हो गई और देखते ही देखते इसने विकराल रूप धारण कर लिया। आग की लपटों को देख मौके पर पहुंचे क्षेत्रवासियों व पुजारियों ने स्थानीय संसाधनों की मदद से आग पर काबू पाया। ऐसा माना जा रहा है कि दीपावली पर छोड़े गए पटाखों से निकली चिंगारी के कारण यह आग लगी।
सच्चियाय माता मंदिर परिसर में कल रात उठते धुएं के गुबार व लपटों ने लोगों का ध्यान बरबस अपनी तरफ खींचा। लोग मौके पर पहुंचते तब तक आग काफी फैल चुकी थी। आग को फैलता देख एक बार तो लोग सहम गए, लेकिन बाद में सभी एकजुट होकर उपलब्ध संसाधनों के साथ आग बुझाने में जुट गए। मंदिर परिसर में स्थापित आग बुझाने का सिस्टम काम नहीं आया।
ऐसे में लोगों ने हाथों हाथ कुछ टैंकरों को मौके पर बुला लिया गया। वहीं परिसर में उपलब्ध पानी के साथ आग बुझाने में सभी लोग जुट गए। रात का समय होने के कारण परिसर में श्रद्धालु भी नहीं थे। इस कारण किसी प्रकार की अफरा-तफरी नहीं मची। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद सभी ने मिलकर आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी।
लेकिन माना जा रहा है कि पटाखों से निकली कोई चिंगारी ने सबसे पहले वहां लगे किसी पर्दे को अपने चपेट में लिया। कपड़े के पर्दे में लगी आग की चपेट में कुछ अन्य पर्दों के साथ ही वहां लगा एक टेंट भी आ गया। इस कारण एक बार आग बहुत विकराल नजर आ रही थी। ऊंची उठती लपटों ने दहशत का माहौल बना दिया, लेकिन सभी के सामूहिक प्रयास से आग पूरी तरह से काबू कर ली गई।
प्राचीन है मंदिर
यह मंदिर देश के प्राचीनतम मंदिरों की श्रेणी में आता है। सच्चियाय माता मंदिर जोधपुर शहर से करीब 63 किमी दूर ओसियां गांव में स्थित है। शिलालेख और प्रचीन मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 9वीं या 10वीं सदी में उपेन्द्र ने करवाया था। सच्चियाय माता को ओसवाल, जैन, परमार, पंवार, कुमावत, सहित कई जातियों के लोग कुलदेवी के रूप पूजते हैं। इस मंदिर में हमेशा श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है।