बेसिक पी.जी. महाविद्यालय के स्नातकोत्तर स्तर के 125 छात्र हुए पुरस्कृत
अभिनव न्यूज
बीकानेर। पी.जी. महाविद्यालय में एम.एससी. वनस्पतिशास्त्र, प्राणिशास्त्र, रसायनशास्त्र, गणित (पूर्वार्द्ध एवं उत्तरार्द्ध) के टॉपर छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन हेतु ‘‘पुरस्कार वितरण समारोह’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. राकेश हर्ष, सहायक निदेशक, आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, बीकानेर संभाग, बीकानेर, विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. के. पुरोहित, विभागाध्यक्ष, प्राणिशास्त्र, राजकीय डूँगर महाविद्यालय, बीकानेर, कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजी व्यास, अध्यक्ष, महाविद्यालय प्रबंध समिति एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा पधारे हुए अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत उद्बोधन के साथ-साथ महाविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए डॉ. पुरोहित ने बताया कि इस वर्ष स्नातक स्तर पर बी.एससी., बी.कॉम. एव बी.ए. तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एससी. (प्राणिविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित) व एम.कॉम. (एबीएसटी) के परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहे हैं। इस परीक्षा परिणाम में न केवल छात्र-छात्राओं ने सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं बल्कि लगभग 600 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। डॉ. पुरोहित ने बताया कि शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के नियमित अध्ययन के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क तैयारी, ई-लाईब्रेरी, पर्सनल्टी डवलमेंट, स्पोकन इंग्लिश, शैक्षणिक भ्रमण, खेलकूद आदि ऐसी विभिन्न गतिविधियां हैं जो हमारे महाविद्यालय को और बेहतर बनाता है।
कार्यक्रम के दौरान स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित करते हुए आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, बीकानेर संभाग के सहायक निदेशक डॉ. राकेश हर्ष ने बताया कि परीक्षा अपने आप को परखने के लिए होती है, जिसमें अपनी मेहनत से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने से उन्हें प्रोत्साहन मिलता है। वे और बेहतर करने के लिए अधिक परिश्रम व एकाग्रता को प्रेरित होते हैं। डॉ. हर्ष ने बताया कि आज के युग में समय प्रबंधन अतिआवश्यक है। भसफल वही लोग होते हैं जो लक्ष्य तय करने और उसकी प्राप्ति के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करते हैं। ऐसे लोगों को यह मालूम होता है कि उन्हें किस और कितने समय में अपने कार्याे को पूरा करना है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि ऐसे लोग असफल होते ही नहीं हैं, लेकिन वे अपनी असफलता से भी बहुत कुछ सीखते हैं और निरंतर कोशिश करते रहते हैं। डॉ. हर्ष ने बताया कि समय प्रबंधन का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इंसान गलतियां नहीं करेगा। इंसान से गलतियां होना स्वाभाविक बात है, लेकिन कभी कोई गलती हो जाने के बाद हमें तुरंत उसमें सुधार करना चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राजकीय डूँगर महाविद्यालय के प्राणिशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. आर. के. पुरोहित ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए बताया कि विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्यों का बढ़ा महत्व होता है। आज के युग में युवाओं को आवश्यक है कि वे न केवल अपने मूल्यों को पहचाने बल्कि उसे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहें। नैतिकता के अभाव में मनुष्यता का आकलन संभव ही नहीं। नैतिकता व्यक्ति के विकास में एक सीढ़ी के समान है, जिसके सहारे हम अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। डॉ. पुरोहित ने विज्ञान से जुड़े विभिन्न उदाहरणों को बताते हुआ कहा कि विज्ञान से जुड़े होने के कारण विद्यार्थियों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज जिन्हें पुरस्कृत किया गया है, वे बधाई के पात्र हैं। इन विद्यार्थियों से प्रेरणा लेकर अन्य विद्यार्थियों को भी अपनी लगन व मेहनत से श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि आने वाले समय में वे भी ऐसे पुरस्कारों को प्राप्त कर अपने परिवार एवं महाविद्यालय का नाम रोशन करें। रामजी व्यास द्वारा सर्वोत्तम परीक्षा परिणाम हेतु छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं स्टाफ सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, श्री वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, सुश्री संध्या व्यास, सुश्री श्वेता पुरोहित, सुश्री प्रियंका देवड़ा, श्रीमती अर्चना पुरोहित, अजय स्वामी, जयप्रकाश, हिमांशु व्यास, गणेश दास व्यास, सुश्री जयन्ती व्यास, सुश्री ज्योत्सना पुरोहित, हितेश पुरोहित, पंकज पाण्डे, महेन्द्र आचार्य, शिवशंकर उपाध्याय, राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।