इंडोनेशिया सोमवार यानी 23 मई से पाम ऑयल एक्सपोर्ट पर से बैन हटाने जा रहा है। देश के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक और निर्यातक देश है और उसनें अपने देश में ही इसकी किल्लत के चलते निर्यात पर 28 अप्रैल को बैन लगा दिया था। राष्ट्रपति विडोडो ने कहा था, मैं खुद इसकी निगरानी करूंगा, ताकि देश में खाद्य तेल की आपूर्ति पर्याप्त रहे और कीमत भी कम रहे।
इंडोनेशिया की सरकार के इस फैसले के बाद अब भारत में खाने के तेल की कीमतों में नरमी आ सकती है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि बैन हटने के तुरंत बाद 2-2.5 लाख टन पाम ऑयल भारत आ जाएगा जिसके सप्लाई की स्थिति बेहतर होगी। दरअसल, भारत 60-70% ऑयल इंपोर्ट करता है। इसमें से भी 50-60% पाम ऑयल है। इस फैसले से केवल पाम ऑयल के दाम कम नहीं होंगे बल्कि दूसरे ऑयल पर भी इसका असर होगा।
ज्यादा दाम के कारण किसानों ने बढ़ा दिया था एक्सपोर्ट
खाद्य तेलों के दाम बढ़ने से इंडोनेशिया में ज्यादातर पाम ऑयल उत्पादक इसका निर्यात करने लगे थे जिस वजह से ये बैन लगाया गया था। बैन के बाद सैकड़ों इंडोनेशियाई छोटे किसानों ने राजधानी जकार्ता और देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया था और सरकार से पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध को खत्म करने की मांग की थी। किसानों का कहना था कि इससे उनकी आय कम हो गई है।
दो सालों में भारत में खाने के तेल की बढ़ी कीमतें
तेल | मूंगफली | सरसो | सोया | पाम |
अप्रैल 2021 | 198 | 160 | 155 | 131 |
अप्रैल 2022 | 201 | 198 | 190 | 169 |
नोट-कीमतें रुपए प्रति लीटर में
SEA ने फैसले को बताया था दुर्भाग्यपूर्ण
ट्रेड बॉडी सॉल्वेंट एक्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा था कि यह कदम पूरी तरह से अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम से न केवल सबसे बड़े खरीदार भारत में बल्कि विश्व स्तर पर उपभोक्ताओं को नुकसान होगा, क्योंकि पाम दुनिया का सबसे ज्यादा खपत वाला तेल है। इससे पहले जनवरी में भी इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर बैन लगाया था, हालांकि बैन को मार्च में हटा लिया गया था।