अभिनव न्यूज।
फलोदी: 41 लाख की लूट का मामले में फलौदी पुलिस ने खुलासा किया है। चार दिन की पुलिस हिरासत में रहे दो लुटेरों से पुलिस ने बहुत कुछ उगलवा लिया और लूट कांड की साजिश तैयार करने से लेकर इसे अंजाम तक पहुंचाने की पूरी कहानी का पता लगा लिया है। दोनों युवकों ने जो कुछ बताया वह काफी हैरान करने वाला है।
यह अपराध उनका कोई पहला नहीं है इससे पूर्व भी उनके खिलाफ एनडीपीएस के मामले पुलिस थानों में दर्ज हैं, लेकिन बडा हाथ मारने की योजना ने उनको लूट की वारदात करने के लिए प्रेरित किया। पूछताछ में यह भी क्लीयर हो गया कि मास्टर माइंड सुनील विश्नोई है और रमेश गोलेच्छा पर इन्होंने फायर भी किया था जिसे लेकर शुरू से ही सस्पेंस बना हुआ था।
ऐसे बनाया गिरोह
गांव में रहकर रमी गेम के जरिए धोखाधड़ी से चूना लगाने का धंधा इनका मंदा रहता था। क्योंकि नेटवर्क नहीं मिलता था। इसलिए उन्होंने फलोदी शहर का रुख किया और यहां नई सड़क पर तीन लुटेरे एक कमरा किराए पर लेकर रहने लगे। रिफंड के नाम पर कमाने की उनकी योजना जल्दी ही बंद हो गई। जिसके बाद रुपयों की तंगी ने दूर करने के लिए बड़ा हाथ मारने की योजना बनाई।
फलौदी में बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक के पास तीनों युवकों ने कमरा किराया प लिया। बैंक और कमरे में 150 फीट की दूरी है। उन्होंने बैंक के आसपास रहकर रैकी शुरू की और मंडी के दो व्यापारियों को निशाने पर रखा। इस बीच कार की भी व्यवस्था की और जिसके माध्यम से कार की व्यवस्था की उसे भी वारदात में साथ मिला लिया, इस प्रकार चार जनों का गिरोह तैयार हो गया।
बैंक में खाते भी खुलवाए
बैंक ग्राहक को लूटना था इसलिए यह जानना भी जरूरी था कि ‘शिकार’ बैंक से कितने रुपए निकाल रहा है। किसी को बैंक में आने जाने पर शक नहीं हो इसलिए दो जनों ने बैंक में खाते भी खुलवाए। जिन व्यापारियों को निशाने पर रखा, उनके आने जाने के रूट की पूरी रैकी और यहां तक तय किया गया कि कहां पर लूटना है।
11 नवंबर की तारीख तय की लूट की
कार मालिक को दो लाख रुपए देकर कार मंगवा चुके थे, रैकी करने में काफी दिन बीत गए। एक दिन जो कार लेकर आया उसने कह ही दिया कि कुछ करना है तो करो, वरना मुझे जाने दो। उसकी बात सुनकर 11 नवंबर को लूट का दिन तय किया।
किस्मत खराब थी उस दिन वे दोनों व्यापारी आए ही नहीं। अब क्या करें, यह सोचते-सोचते सुनील को रमेश गोलेच्छा का ध्यान आया कि वह भी काफी रकम निकाला करता है, उसने वहीं रहकर रैकी और इन्हें उसके वहां से रवाना होने की सूचना दी। रमेश गोलेच्छा का इंतजार उन्होंने सरकारी अस्पताल के सामने रहकर किया। जब रमेश वहां से गुजरा तो कार उसके पीछे लगा दी और एसएमबी स्कूल के पास उसे लूटा।
लूट के लिए सुनील और नरेश कार से नीचे उतरे
रमेश गोलेच्छा से रुपयों से भरा बैग लूटने के लिए ड्राइवर सीट के पास बैठा सुनील और पीछे बैठा नरेश कार से नीचे उतरा। बैग छीन कर कार में जाकर बैठ गए। जब रमेश बैग वापस लेने के लिए कार में घुसा तब सुनील ने उनके मुंह पर जोर से घूसा मारा, जिससे उनका दांत टूट गया। इसी बीच कार चला रहे सुभाष ने रमेश पर फायर किया, लेकिन वे बाल-बाल बच गए।
दो लुटेरे, 41 लाख रुपए और पिस्टल बरामद करना बाकी
पुलिस ने पूरे षड्यंत्र, साजिश तथा आरोपियों का पता लगा लिया है, लेकिन अभी दो लुटेरों, 41 लाख रुपए और पिस्टल की बरामदगी शेष है।
जल्द पुलिस के शिकंजे में होंगे बचे आरोपी
सीआई राकेश ख्यालिया बताते हैं कि बचे आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने इस लूट को पुलिस के खिलाफ अपराध की श्रेणी का मानते हुए चुनौती के रूप में लिया। पुलिस के बेहतरीन दर्जनों अधिकारियों, जवानों और साइबर सेल ने 48 घंटे में ही इनपुट निकाल लिए और बड़ी सफलता हासिल की।