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Sunday, November 24

Month: September 2022

आज का राशिफल: जानिये क्या कहती है आपकी राशि

आज का राशिफल: जानिये क्या कहती है आपकी राशि

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आज दिनांक 4 सितम्बर 2022 रविवार- भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि सुबह 10.39 बजे तक रहेगी फिर नवमी तिथि शुरू होंगी। गंडमूल ज्येष्ठा नक्षत्र रात 9.43 बजे तक रहेगा फिर दूसरा गंडमूल मूल नक्षत्र शुरू होगा- विषकम्भ योग दोपहर 2.24 बजे तक रहेगा फिर प्रीति योग शुरू होगा- बव करण सुबह 10.39 बजे तक रहेगा फिर बालव करण शुरू हो जाएगा- चंद्रमा रात 9.43 बजे तक वृश्चिक राशि मे गोचर करता रहेगा उसके बाद धनु राशि मे प्रवेश करेगा । आज का राहुकाल शाम 5.05 बजे से 6.39 बजे तक रहेगा। आज रविवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है। आज अभिजीत मुहर्त दोपहर में 11.55 बजे से 12.46 बजे तक रहेगा- आज सर्वार्थसिद्धि योग और रवियोग रात 9.43 बजे से अगले दिन सूर्योदय तक रहेगे। आज सूर्योदय सुबह 6 बजे होगा और सूर्यस्त शाम 6.39 बजे होगा।* *आज राधाष्टमी, ज्येष्ठ गौरी पूजन, मासिक दुर्गाष्टमी है* *मेष* आपके लिए आज का दिन व...
मुख्यमंत्री गहलोत ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री गहलोत ने की राष्ट्रपति से मुलाकात, दी शुभकामनाएं

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अभिनव टाइम्स बीकानेरमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर गहलोत ने श्रीमती मुर्मु को शुभकामनाएं दी। 
चांद छू लेने की हूंस: मोनिका गौङ

चांद छू लेने की हूंस: मोनिका गौङ

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चिलचिलाती धूप से ज्यादापेट की आग के खातिरयूनिफार्म में तैनातमहिला ट्रैफिक हवलदारक्रम से चलाती हैशहर का ट्रैफिकमन की पगडंडियों में भटकती सरपटकसमासाती अंतर्द्वंदों मेंकिस तरह रखे पंक्तिबद्धगृहस्थी के खर्चो का गाड़ाजिम्मेदारियों की लारीचेन उतरी हुई सपनो की साइकिलचारों ओर से बरसती धूप -घाम मेंसड़क के एन मध्यभीड़ से लडालूम चौराहे परखड़ी है निपट एकाकीज़िन्दगी के महाभारत मेंअभिमन्यु की भांतिबदलती भूमिकाओ, उम्मीदोंउचक कर् चाँद छू लेने की हूंस नेला पटकाआंगन से आसमान की जगहज़िन्दगी के चौरास्तेधूल धूसरित हो गयीपैरों पर खड़े होने कीरूमानी कल्पनास्वप्नों के खंडहर परवक़्त का खारा जहर सत्यबन गया मजबूरीकोई भी नोकरी करने कीट्रैफिक हवलदार होनासोख रहाअंतस का अमृतफिर भीदो बाई दो के स्कार्फ सेमाथा ढकेकरती है प्रयासअपनी नजाकत बचाने कीट्रैफिक हवलदारदो बाई दो के स्कार्फ मेंअंवेर रही हैअपना स्त्रीत्वशहर के ट्रैफिक कोलाइन...
‘सिनेमा-प्रेमी शहर’ बीकानेर: नवल व्यास

‘सिनेमा-प्रेमी शहर’ बीकानेर: नवल व्यास

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सिनेमाघर तब एलीट नहीं हुआ करते थे; छोटे शहरों-कस्बों में यह उत्सव के ठिकाने हुआ करते थे और हमारा उत्सवधर्मी शहर — बीकानेर, इसे और अनूठा बना देता था। रात से ही सिनेमाघरों में लगती लंबी लाइनें, टिकट वाली खिडकी के अंदर एक-साथ पांच-सात हाथों की टिकट के लिये मनुहारें, हॉल में बीडी-सिगरेट की गंध और बंद होती-जलती रंगीन लाइटों के बीच सीटीयों और तालियों की गडगडाहट बीकानेर ही नहीं, समूचे सिनेमा के स्वर्णिम काल की बानगी है। सिनेमा के पुराने चस्केबाजों से सुना कि इस शहर में किसी फिल्म की रिलीज के समय कोटगेट, केईएम रोड और परकोटे में लगने वाले फिल्मी पोस्टर पर भी भीड इकट्ठा हुआ करती थी। तांगो के दोनों तरफ लकडी के फट्टो पर लगे पोस्टर और माइकिंग भी आकर्षण का केन्द्र हुआ करते थे। पान की दुकानों में लकड़ी के पोस्टरशुदा फट्टे प्रचार भी थे और धूप से बचाव का जतन भी। तब सिनेमा सामाजिकता का हिस्सा था। मेरे बचपन...
बीकानेर की संगीत विरासत विश्व के लिए अनुकरणीय: डॉ. मुरारी शर्मा

बीकानेर की संगीत विरासत विश्व के लिए अनुकरणीय: डॉ. मुरारी शर्मा

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विक्रम संवत् 1545 की वैशाख शुक्ला द्वितीया के दिन जोधपुर के राव जोधाजी के पुत्र बीकाजी ने अपने चाचा कांधल जी के सहयोग से बीकानेर राज्य की स्थापना की। अपने भाई बीदा तथा चाचा को इसी भू-भाग के कई गांव देकर स्वयं बीकाजी बीकानेर के शासक बने। इस प्रकार राठौड़ों के तीन घराने क्रमश: बीका, बीदा और कांधलात नाम से स्थापित हुए। इनके आश्रय में ढोली, दमामी जैसी संगीत जीवी जातियां रही। राजपूतों में से ही कुछ एक को मांगलिक अवसर या युद्ध अवसरों पर नगारा बजाने का काम सौंपा जाता था। बीकानेर की स्थापना के समय सुरतोजी बीकाजी के साथ आए। इनके तीन लड़के भायो, लाखो और चान्दो थे। भायो के वंशज भियाणी, लाखो के वंशज लाखाणी तथा चान्दो के चान्दवाणी कहलाए। इन परिवारों की संगीत परम्परा ही बीकानेर की विरासत कही जा सकती है। जिसने विश्व रंगमंच को अपने प्रदर्शनों से अभिभूत किया।बीकानेर के महाराजा रायसिंह जी ने दिल्ली बादशाह ...
व्यंग्य- “ककऊनादा” – संजय पुरोहित

व्यंग्य- “ककऊनादा” – संजय पुरोहित

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एक दिन हमने देखा, अपने मोटे पेट पर हाथ फेरते हुए हैप्पी प्रसाद मुस्कुराते हुए जा रहे थे। हैप्पी प्रसाद शिक्षक हैं, लेकिन उनके शिक्षा के जीवन में शिक्षण के क्षण ढूंढने से भी नहीं लाधते।बेसिकली उनकी घड़त ठण्डी मिट्टी की है। उनका नाम हैप्पी पड़ा ही इसलिये था कि जनमते ही जो बेमतबल मुस्‍कुराना शुरू किया था, उस पर आदिनांक एक्टिव हैं।अपने जीवन के आधे बसंतों को क्रॉस करने के बाद एक दिन अचानक एक बेहद घटिया क्‍वालिटी के कवि की सर्वोच्‍च घटियात्‍मक स्‍तर की कविता उनके हत्थे चढी। हैप्पी प्रसाद को लगा कि अरे! जब कविता ऐसी हो सकती है तो मल्‍लब ये है कि वे भी कवि हो सकते हैं।बस, उसी दिन से लिखना शुरू कर दिया। क्या लिखा, ये अलग टापिक है, पर लिखा, ये करन्ट टॉपिक है। उन्होंने जो कुछ लिखा उसका मूल्यांकन आज तक कोई माईका लाल नहीं कर पाया है। हैप्पी प्रसाद को लगता है कि ...
एक था कार्टूनिस्टों का चौक रेत के अथाह समंदर के बीच अठखेलियां करता एक शहर: प्रभात गोस्वामी

एक था कार्टूनिस्टों का चौक रेत के अथाह समंदर के बीच अठखेलियां करता एक शहर: प्रभात गोस्वामी

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बीकानेर राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में बसे इस शहर का एक मोहल्ला गोस्वामी चौक है। बचपन यहीं बीता। यहां के अधिकांश लोग संगीत, कला, संस्कृति से जुड़े हुए थे। पर व्यंग्य चित्रकला की वजह से भी इसकी पहचान कायम हुई। एक समय था जब चौक के हर घर में एक कार्टूनिस्ट हुआ करता था। हास्य-व्यंग्य का गज़ब का बोध था। होली पर पहले दीवारों पर भित्तिचित्रों के रूप में कार्टून उकेरे जाते थे। गुदगुदी करते हास्यमयी दोहों ,कविताओं, कुंडलियों ,पैरोडियों, लघु कथाओं के साथ 'हुड़दंग', 'हुल्लड़', जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन होता था। इन पत्रिकाओं में भी कार्टून्स हुआ करते थे। एक दौर ऐसा भी था जब लोग व्यंग्यात्मक कविताओं में सवाल-ज़वाब भी किया करते थे। लेकिन ये सब गोस्वामी चौक की सीमा पार नहीं कर पाए। चौक से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हमारे कार्टूनिस्टों ने ही अपनी ज़ोरदार उपस्थिति दर्ज कराई।गोस्वामी चौक के पहले कार्टूनिस्ट पंकज ग...
काव्य रंग- विनोद स्वामी,कद बड़ा होना ,मुहावरा नहीं है इस कविता में

काव्य रंग- विनोद स्वामी,कद बड़ा होना ,मुहावरा नहीं है इस कविता में

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कद बड़ा होनामुहावरा नहीं है इस कविता मेंया यूं ठीक रहेगा कितब हमारी बढ़ने की उम्र थी ।कुर्ते पजामे च्यार आँगळ नीचेऔर चप्पल की जोड़ी दो नम्बर बड़ीइसलिए खरीदी जाती थी कितंगी को मात दे सकेंपिता थे भले ही अनपढ़ पर बड़े दूरदर्शी ।हम पर हंसती दुनियाऔर हम बड़े राजी थेनई पोशाक में।ये पोशाक भीजब ऊंची हो जातीइस बार मां की बारी होतीअपनी करामात दिखाने कीपायँचों की तुरपाई उधेड़फिर नीचा कर देनाइन्हीं कपड़ों को।हम तंगी कासाइन बोर्ड नहीं थेमितव्यता से जीवन जीने कीअद्भुत कला केनायाब नमूने से भी थे। - विनोद स्वामी ...
गीता प्रेस की कहानी: 99 सालों में 90 करोड़ पुस्तकें गीता प्रेस से हो चुकी हैं प्रकाशित, 15 भाषाओं में होता है प्रकाशन

गीता प्रेस की कहानी: 99 सालों में 90 करोड़ पुस्तकें गीता प्रेस से हो चुकी हैं प्रकाशित, 15 भाषाओं में होता है प्रकाशन

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अभिनव टाइम्स बीकानेर ।दुनिया भर में धार्मिक पुस्तकों के लिए प्रसिद्ध गीता प्रेस की स्थापना के 99 वर्ष 14 मई को पूरे हो गए हैं। गीता प्रेस इस साल अपना शताब्दी वर्ष (100वां वर्ष) समारोह मना रहा है। गीता प्रेस की इसी शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ करने देश के तात्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चार जून को किया हैं। इन 99 वर्षों में लगभग 16 करोड़ श्रीमद्भागवत गीता सहित 90 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन गीता प्रेस से हो चुका है। इन पुस्तकों में सर्वाधिक संख्या क श्रीमद्भागवत गीता की है। इसके अलावा गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली विश्व प्रसिद्ध मासिक पत्रिका कल्याण, रामचरित मानस, पुराण, हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती, सुंदरकांड के प्रतियों की भी संख्या करोड़ों में है। वर्ष 1921 के आसपास जयदयाल गोयंदका ने कोलकाता में गोविंद भवन ट्रस्ट की स्थापना की थी। इसी ट्रस्ट के तहत वहीं से वह गीता का प्रकाशन करात...
मोटर साइकिल की खड़े ट्रक से भिड़ंत सुरनाणा के दो की लोगों की मौत

मोटर साइकिल की खड़े ट्रक से भिड़ंत सुरनाणा के दो की लोगों की मौत

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अभिनव टाइम्स। लूणकरणसर स्थित विश्वकर्मा मार्केट में रात 11 बजे एम आर एफ टायर शो रूम के आगे खड़े ट्रक के पीछे से बाइक की तेज स्पीड से भिड़ंत हो गई जिस से बाइक सवार सुरनाणा गांव के दो जनों की मौत। सूचना मिलने पर लूणकरणसर पुलिस थानाधिकारी चंद्रजीत सिंह व टाइगर फोर्स अध्यक्ष महिपाल सिंह राठौड़, राजू कायल टीम सहित मौके पर पहुंचे।टाइगर फोर्स एंबुलेस से दोनो को अस्पताल पहुंचाया डॉक्टर ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। शवो की पहचान कर परिजनों की सूचना की। ...
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