11 सितम्बर जन्म जयंती मरुधरा के महाकवि कन्हैया लाल सेठिया
"आ तो सुरगाँ नैं सरमावै,ईं पर देव रमण नैं आवै,ईं रो जस नर नारी गावै, धरती धोराँ री" जैसा सुप्रसिध्द राजस्थानी गीत लिखने वाले महाकवि स्व.कन्हैया लाल सेठिया का यह जन्म शताब्दी वर्ष के बाद दूसरा वर्ष है। महाकवि सेठिया का जन्म एक सौ दो वर्ष पूर्व 11 सितम्बर 1919 को सुजानगढ़ (चुरू) में हुआ। उनके पिता का नाम छगन मल सेठिया और माता का नाम मनोहरी देवी था। कन्हैया लाल सेठिया को जन्म के समय से ही अपनी मातृभूमि राजस्थान से बहुत लगाव था क्योंकि उस समय राजस्थान को अन्य प्रदेशों की तुलना में पिछड़ा हुआ माना जाता था इसलिये यहाँ की गौरवपूर्ण संस्कृति और शौर्य गाथाओं से पूरे देश को परिचित कराने और राजस्थान के सुसुप्त जन-जीवन को पुनर्जागृत करने हेतु उन्होंने साहित्य का मार्ग चुना।एक प्रकार से राजस्थान का "राज्य-गीत" बन चुके "धरती धोराँ री" गीत में जिस प्रकार महाकवि सेठिया ने यहाँ के विभिन्न जिला-क्षेत्रों क...