शुभ मास- ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष
शुभ तिथि त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि रात्रि 12 बजकर 27 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्दशी तिथि रहेगी. त्रयोदशी तिथि को यज्ञोपवीत को छोड़ कर समस्त शुभ एवं मांगलिक कार्य, विवाह, उपनयन, प्रतिष्ठा, देव कार्य, गृह प्रवेश इत्यादि कार्य शुभ माने जाते हैं. त्रयोदशी तिथि में जन्मे जातक धर्मात्मा, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.
शुभ नक्षत्र विशाखा नक्षत्र रात्रि 11 बज कर 58 मिनट तक तत्पश्चात अनुराधा नक्षत्र रहेगा. विशाखा नक्षत्र मे शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. विशाखा नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.
चन्द्रमा- सायं 06-30 तक तुला राशि में तत्पश्चात वृश्चिक राशि में संचार करेगा
व्रतोत्सव- प्रदोष व्रत
राहुकाल- सायंकाल 4.30 बजे से 6 बजे तक
दिशाशूल- रविवार को पश्चिम दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से घी-दलिया खा कर निकले.